An article on Food & Processing in English with हिन्दी translation
We all know that Milk is the first thing that mammals consume after their birth for proper growth and development. It helps them in body growth, gaining resistance from diseases and keeping away from dehydration. it is also helpful in maintaining eyesight and enhancing the energy level as well.
Shelf life is the duration of time to what a substance may be stored without becoming unfit for future
use.
Although milk is very important for living beings but it cannot be stored at normal temperature for future use much longer because of the high rate of presence of bacteria in raw milk. If this bacterial action could be reduced then its shelf life can be increased.
We know that the milk remains safe for a few days but by adopting some techniques we can increase it’s shelf life . If the milk is refrigerated it lasts for 4-7 days past its printing date. If the fat is reduced from it then its shelf life can last for 7 days. We can increase milk’s shelf life up to 10 days when we remove both lactose as well as the fat.
If we left milk un-refrigerated more than 2 Hrs then the milk Is considered unsafe to consume. Milk should not be kept anywhere in refrigerator like door’s shelves because each time it is exposed to warm air whenever it is opened that encourages bacterial growth. It should be kept in coolest place in refrigerator that is in bottom shelf. For long shelf life the refrigerator should maintain 38°F to 40°F at all time.
Milk should be carried in insulated bag while bringing it home so that its shelf life can be increased. Milk can be fresh and long just by adding a tablespoon of baking soda to gallon of milk once it is opened.
The shelf life of milk also depends upon the kind of milk, breed of animal, packaging process and its storage facility.
Pasteurized milk & Pasteurized whole milk will remain safe for 12 – 14 days if kept under 4°C. Skim and flavored milk have very short life span. If the milk is kept in deep freezer, it will maintain best quality about 4 months.
Nowadays some modern techniques have been developed for increasing the shelf life. The process improves upon pasteurization that could increase the shelf life 2-3 weeks and milk can be safely stored in the fridge up to around 7 weeks. Modern techniques also involves exposing milk to low heat and pressure variation for short time (milk stored at 4°C by 10°C for less than a second) so that its shelf life can be increased to 63 days.
If milk is stored beyond its shelf life it smells sour, develop off-white color and thick clumpy texture. Now if we consume it we have very high tendency to develop food poisoning, stomach cramps, diarrhea , nausea and fever.
For the shelf-stability of milk, the best material used in transportation and distribution is glass bottles as the glass have high tendency to stay colder compare to plastic , so milk quality as well as shelf life can be maintained in it.
……..
Writer - Ujjwal Prakash
Brief introduction - The writer is a student in Food & Processing Mgma, BHU (Mirzapur campus)
Send your feedback to - editorbejodindia@yahoo.com
(लेख का हिन्दी अनुवाद)
दूध की शेल्फ लाइफ / उज्जवल प्रकाश
हम सभी जानते हैं कि दूध पहली चीज है जो स्तनधारियों द्वारा उनके जन्म के बाद उचित विकास और विकास के लिए लिया जाता है। यह उन्हें शरीर के विकास में मदद करता है, रोगों से प्रतिरोध प्राप्त करने और निर्जलीकरण से दूर रखने में मदद करता है। यह आंखों की रोशनी बनाए रखने और साथ ही ऊर्जा स्तर को बढ़ाने में भी सहायक है।
"शेल्फ लाइफ" उस समय की अवधि है जब तक भविष्य के उपयोग के लिए अयोग्य होने के बिना किसी पदार्थ को संग्रहीत किया जा सकता है।
हालांकि दूध जीवित प्राणियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन कच्चे दूध में बैक्टीरिया (जीवाणुओं) की उपस्थिति की उच्च दर के कारण भविष्य के उपयोग के लिए इसे सामान्य तापमान पर संग्रहीत नहीं किया जा सकता है। यदि यह जीवाणु क्रिया कम की जा सके तो इसके शेल्फ जीवन को बढ़ाया जा सकता है।
हम जानते हैं कि दूध कुछ दिनों तक सुरक्षित रहता है, लेकिन कुछ तकनीकों को अपनाकर हम इसे शेल्फ जीवन को बढ़ा सकते हैं। यदि दूध को प्रशीतित किया जाता है तो यह पैकिंग में छपाई की तारीख से 4-7 दिनों तक सुरक्षित रहता है। अगर इसमें चर्बी कम कर दी जाती है तो इसकी शेल्फ लाइफ 7 दिनों तक चल सकती है। हम दूध के शैल्फ जीवन को 10 दिनों तक बढ़ा सकते हैं जब हम लैक्टोज और वसा दोनों को इसमें से हटाते हैं।
अगर हमने दूध को 2 घंटे से अधिक प्रशीतित किये बिना छोड़ दिया है तो दूध का सेवन करना असुरक्षित माना जाता है। दूध को रेफ्रिजरेटर में दरवाजे की अलमारियों की तरफ कहीं भी नहीं रखा जाना चाहिए क्योंकि हर बार जब भी इसे खोला जाता है तो यह गर्म हवा के संपर्क में होता है जो बैक्टीरिया के विकास को प्रोत्साहित करता है। इसे रेफ्रिजरेटर में सबसे ठंडे स्थान पर रखा जाना चाहिए जो नीचे शेल्फ में है। लंबे शेल्फ जीवन के लिए रेफ्रिजरेटर को हर समय 38 ° F से 40 ° F बनाए रखना चाहिए।
उन्हें घर लाते समय दूध को इंसुलेटेड बैग में ले जाना चाहिए ताकि उसकी शेल्फ लाइफ बढ़ाई जा सके। दूध एक बार खुलने पर गैलन में एक बड़ा चम्मच बेकिंग सोडा मिला कर इसका ताजापन और लंबा किया जा सकता है।
दूध का शेल्फ लाइफ दूध के प्रकार, पशु की नस्ल, पैकेजिंग प्रक्रिया और इसके भंडारण की सुविधा पर भी निर्भर करता है।
पाश्चुरीकृत दूध और पूर्ण पाश्चुरीकृत दूध 4 डिग्री सेल्सियस से कम रखने पर 12 - 14 दिनों तक सुरक्षित रहेगा। स्किम और फ्लेवर्ड मिल्क का जीवनकाल बहुत कम होता है। यदि दूध को डीप फ्रीजर में रखा जाता है, तो यह लगभग 4 महीने तक सर्वोत्तम गुणवत्ता बनाए रखेगा।
आजकल शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए कुछ आधुनिक तकनीकों का विकास किया गया है। यह प्रक्रिया पाश्चुरीकरण में सुधार करती है जो शेल्फ जीवन को 2-3 सप्ताह तक बढ़ा सकती है और दूध को लगभग 7 सप्ताह तक फ्रिज में सुरक्षित रूप से संग्रहीत किया जा सकता है। आधुनिक तकनीकों में दूध को न्यून ताप और कम समय के अंदर दबाव-भिन्नता की प्रक्रिया करना शामिल है (दूध को 4 डिग्री सेल्सियस से 10 डिग्री सेल्सियस पर एक सेकंड से भी कम समय तक संग्रहीत किया जाता है) ताकि इसकी शेल्फ जीवन को 63 दिनों तक बढ़ाया जा सके।
यदि दूध को उसकी शेल्फ लाइफ से ज्यादा अवधि तक रखा जाता है तो उसमें बदबूदार सफेद गाढ़े रंग की बनावट का विकास होता है। अब अगर हम इसका सेवन करते हैं तो हमारे पास खाद्य-विषायण (फूड पॉइजनिंग), पेट में ऐंठन, दस्त, मतली और बुखार विकसित करने की बहुत अधिक प्रवृत्ति होती है।
दूध की शेल्फ-स्थिरता के लिए, परिवहन और वितरण में उपयोग की जाने वाली सबसे अच्छी सामग्री कांच की बोतलें हैं क्योंकि ग्लास में प्लास्टिक की तुलना में ठंडा रहने की उच्च प्रवृत्ति है, इसलिए दूध की गुणवत्ता और साथ ही शेल्फ लाइफ को बनाए रखा जा सकता है।
...... ..
आलेख - उज्ज्वल प्रकाश
लेखक का परिचय - लेखक फूड& प्रोसेसिंग प्रबंधन, बीएचयू (मिर्जापुर परिसर) के छात्र हैं.
अपनी प्रतिक्रिया इस ईमेल आईडी पर भेजें- editorbejodindia@yahoo.com